मंगला गौरी व्रत 2021 – संतान प्राप्ति हो या सुखी विवाहित जीवन की इच्छा, शक्ति स्वरूपा पूरी करेंगी हर मनोकामना.
मंगला गौरी व्रत 2021 – संतान प्राप्ति हो या सुखी विवाहित जीवन की इच्छा, शक्ति स्वरूपा पूरी करेंगी हर मनोकामना.
सावन का महीना
सावन का महीना प्रारंभ होने जा रहा है... अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष यनि 2021 में यह 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त तक रहेगा। इस तथ्य से लगभग हर कोई परिचित होगा कि सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। वैसे तो हर सप्ताह का सोमवार शिव उपासना के लिए श्रेष्ठ है... लेकिन सावन के सोमवार की महिमा कुछ और ही है। जो लोग किसी खास इच्छा पूर्ति के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें सावन के सोमवार पूरे विधि विधान के साथ भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
शिव-शक्ति का मिलन
शक्ति के बिन शिव अधूरे हैं और जब शिव-शक्ति का मिलन होता है तब यह किसी चमत्कार से कम नहीं। शक्ति अर्थात माता पार्वती.... जिस तरह सावन के सोमवार महादेव की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ है कुछ उसी तरह सावन के मंगलवार माता गौरी यानि पार्वती को समर्पित है। सावन में आने वाले मंगलवार को स्त्रियां मंगला गौरी का व्रत रखकर शक्ति स्वरूपा माता पार्वती से इच्छा पूर्ति का वरदान प्राप्त करती हैं।
मंगला गौरी का व्रत
माना जाता है जो स्त्री पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मंगला गौरी का व्रत रखती है उसे अखंड सौभग्य के साथ सुखी दांपत्य जीवन की भी प्राप्ति होती है, उनके विवाहित जीवन से दुख-समस्याएं, कलह-क्लेश समाप्त हो जाते हैं।। इतना ही नहीं जो स्त्रियां संतान प्राप्ति की कामना रखती हैं और किसी कारणवश उनकी यह इच्छा पूर्ण नहीं हो पा रही है तो उन्हें भी मंगला गौरी व्रत अवश्य रखना चाहिए।
मंगलवार
25 जुलाई (रविवार), 2021 से प्रारंभ होने जा रहे सावन के महीने में इस बार 4 मंगलवार रहेंगे। पहला मंगलवार 27 जुलाई, दूसरा 3 अगस्त, तीसरा 10 अगस्त और चौथा यानि अंतिम 17 अगस्त को पड़ेगा।
मंगला गौरी व्रत विधि
व्रत रखने वाली स्त्री को सूर्योदय से पूर्व जागना होता है... स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र द्झारन करें और उसके बाद लकड़ी की एक चौकी पर साफ लाल कपड़ा बिछाकार उसपर देवी पार्वती और महादेव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। देवी के समक्ष संकल्प लेकर उन्हें अपनी इच्छा बताएं.. इसके बाद आटे का बना दीपक प्रज्वलित करें। ऐसा करने के बाद धूप, नैवेद्य फल-फूल आदि से मां गौरी का षोडशोपचार पूजन कर उनसे प्रार्थना करें। मंगला गौरी व्रत के दौरान आप एक समय का भोजन कर सकती हैं।
ध्यान रखने योग्य बात
मंगला गौरी व्रत की पूजा के दौरान आपको एक खास बात अवश्य याद रखनी चाहिए कि आप इस पूजा के दौरान देवी को जो भी सामग्री अर्पित कर रहे हैं... फिर चाहे वह मिठाई हो, सुहाग का सामान हो, फल हो या कुछ और इन सभी की कुल संख्या 16 होनी चाहिए.
ABOUT THE AUTHOR
Akhilesh Pal
दोस्तों, मेरा नाम अखिलेश पाल है एवं मैं AS-Enterprises1 blog का फाउंडर एंड ऑथर हूँ | मैं इस ब्लॉग पर technical topics,law, Education etc. को हिंदी मे समझाने का प्रयास करता हूँ | अगर आपके पास किसी भी प्रकार का कोई suggestion है तो please "Contact Us" Page पर जरुर लिखे | मेरे बारे मे जानने के लिए Visit - About Page |



Comments
Post a Comment